पिथौरागढ़ में पासपोर्ट सुविधा: पहल तो है, लेकिन जनता की उम्मीदें अधूरी और कार्यान्वयन नाकाफी
- Rishendra Mahar

- Oct 25
- 2 min read
Updated: Nov 10
पिथौरागढ़ के नागरिकों के लिए पासपोर्ट जैसी अहम सुविधा का इंतजार लंबे समय से था। हाल ही में हमारी नगर निगम की महापौर ने यह दावा किया कि स्थानीय लोगों के लिए पासपोर्ट आवेदन अब उनके शहर में ही संभव होगा। इसके लिए एक छोटी मोबिलिटी यूनिट की व्यवस्था की गई, जिससे लोग अपने दस्तावेज जमा कर सकें और आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकें।
पहले तो पहल की दिशा निश्चित ही सराहनीय है। आखिरकार, यह सुविधा लोगों को दूर-दराज के शहरों – जैसे देहरादून, अल्मोड़ा या कठगोदाम – जाने की परेशानी से बचाती है। यह एक कदम था, जो अगर सही तरीके से लागू होता, तो नागरिकों के लिए वास्तव में मददगार साबित हो सकता था।
लेकिन सवाल यह है कि क्या यह योजना इतनी व्यवस्थित और सोच-समझकर बनाई गई थी? दो महीने गुजरने के बावजूद अधिकांश लोग अपनी वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। कोई पासपोर्ट अभी तक जारी नहीं हुआ। यानी सुविधा केवल नाम के लिए थी, और वास्तविक कार्यान्वयन में भारी कमी रही।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर किसी नागरिक को पासपोर्ट की तुरंत जरूरत थी, तो उसे पहले स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए था कि यह प्रक्रिया लंबी है। बिना जानकारी के कई लोग अपनी अर्जेंट जरूरतों के बावजूद आवेदन कर बैठे, और अब निराशा के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा। यह केवल योजना की लापरवाही और उचित जानकारी न देने का परिणाम है।
इसके अलावा, इस पहल के बारे में स्थानीय लोगों में जागरूकता की कमी भी साफ नजर आई। कोई प्रचार-प्रसार नहीं, कोई समय सीमा का खुलासा नहीं। ऐसे में न केवल नागरिकों को परेशानी हुई, बल्कि यह पहल जनता के बीच विश्वास खोने का कारण भी बनी।

अगर इसी तरह आधे-अधूरे कदम उठाए जाते रहे, तो जनता की उम्मीदें हमेशा अधूरी ही रहेंगी। नगर निगम को यह समझना होगा कि जनता के जीवन में बदलाव केवल दिखावे से नहीं, बल्कि सही योजना और सही क्रियान्वयन से आता है।








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